हर किसी में है secrete superstar 


हेलो दोस्तों , मै आज आपको इस  blog  में बताने जा रहा हु की कैसे हर किसी में होता है एक Secrete Superstar, एक सच्ची कहानी के साथ |  उम्मीद है की आपको ये ब्लॉग पसंद आएगा।  अगर  अच्छा लगा तो like करदेना और ना पसंद आये तो dislike भी जरूर करना | तो चलिए शुरू करते है | 
        हमारे इस ब्लॉग के कहानी के hero का जन्म उत्तर पप्रदेश के मुजफ्फनगर जिले के बुधाना कसबे  में एक किसान के घर हुआ था | उनके पिता के पास जमीन  तो अच्छी खासी थी | उनकी भाई बेहन की बात करे तो उनके सात भाई और दो बेहने थी | परिवार भरा पूरा था | इस हीरो के घर ऐसा नहीं था की  खाने के लाले थे या बहुत ही गरीब परिवार था लेकिन क्या है ये hero थोड़ा अलग विचारो वाला था | कहते हैं न की जो भी लोग सफल हुए है ना  उनके पीछे कुछ अलग करने की चाहत होती है और वो इतनी जिद्दी  होते की कुछ अलग करने के पीछे पागल होते है  अपना हीरो ऐसा ही कुछ है  |  इस हीरो में भी कुछ अलग करने की चाहत थी | इस हीरो के घर की स्तिथि अच्छी थी तो पढ़ने में ज्यादा दिक्कत नहीं आयी अपने हीरो ने इण्टरमीडिएट की पढाई गांव में ही पूरी कर ली | लेकिन उसके गांव का माहौल ज्यादा अच्छा भी नहीं था इस गांव के लोगो ज्यादातर किसान परिवार से होने के कारन उनको तो बस गेहू और गन्ना ही मालूम था  माहौल ज्यादा अच्छा भी नहीं था, ये मैंने इसलिए कहा की उन गांव के लोगो को गन के बारे में भी पता था तो आप समझ ही सकते है |   तो बाद की पढ़ाई के लिए इस हीरो ने अपने गांव को छोड़कर हरिद्वार जाने का फैसला किया | वहा उसने Chemistry में अपना Graduation पूरा कर लिया  | Graduation के बाद सबको फ़िक्र होती है वो  job की | तो अपना हीरो बोलै  "चलो भाई अब कुछ काम करते है" तो उसने गुजरात जाकर के केमिस्ट के पद पर काम करना चालू कर दिया | Job , पैसा एक अलगबात  है और दिल का सुकून अलग | इस job में पैसे तो अच्छे खासे  मिलते थे लेकिन दिल में सुकून नहीं था | अपने hero को अपनी एक अलग पहचान बनानी थी | पैसा तो हर कोई कमा लेता है लेकिन पहचान बनाना बहुत मुश्किल होता है और वही चीज अपने हीरो को करनी थी |  तो क्या था, अपने सपने का आदर करते हुए छोड़ दी नौकरी |
      अपने हीरो के बारे एक बात बताना भूल गया | उसको प्ले करने का शौक बचपन से ही था | वो बचपन से ही प्ले करने  में अपना टाइम देना पसंद करता था | अब नौकरी छोड़ने के बाद उसने शौक को प्रोफेशन बनाने का सोचा और एक्टिंग सीखने के लिए चला गया Delhi | दिल्ली जाने का फैसला उसने अपने दोस्त के कहने पे किया , दोस्त बोलै देख भाई अगर  actor बनाना है तो acting सीखनी पड़ेगी और एक्टिंग सिखने के लिए दिल्ली में एक अच्छा स्कूल है वहा जाना पड़ेगा | तो hero ने उठाया अपना सामान और चल पड़े दिल्ली |  दिल्ली के स्कूल का नाम था नैशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (NSD)|
हीरो तो आ गया दिल्ली  पर उस स्कूल में एडंमिशन  के लिए प्ले का एक्सपेरिएंस होना जरुरी था | अपना हीरो तो प्ले करता था लेकिन सर्टिर्फिकेट ऐसा कुछ नहीं था उसके पास | अब क्या?  नौकरी छोड़ दी और यहाँ आकर एडंमिशन भी नहीं हुआ | लेकिन हीरो ने हार  नहीं मानी | हीरो ने सोचा एक्सपेरिएंस चाहिए तो ठीक है, और उसने जाकर एक थिएटर ज्वाइन कर लिया जहा वो प्ले कर सके | वहा  पर मनोज वाजपेयी और सौरभ शुक्ला इन जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला |  लेकिन वहा पर जो पैसे मिलते वो काफी नहीं होते थे | और अब जब उसने अपने खुद के पैरो पर खड़ा होने का सोचा था, तो घरसे कुछ पैसे की मदद मांगना उसने उचित नहीं समजा | तो उसने प्ले के साथ और कुछ काम करने का सोचा | और उसे नौकरी मिली एक ऑफिस में वॉचमैन की | वॉचमैन का काम ख़त्म होते ही प्ले सिखने के लिए थिएटर चला जाता था | थिएटर कहा वो तो अपने सपने की और ही भागता चला जाता था | एक्टिंग सिखने का इतना जूनून था की उसके लिए बड़े सी बड़ी मुश्किल का सामना करने का हौसला था | बहुत सारे प्ले करने के बाद उसको स्कूल में एडमिशन मिल गया | स्कूल के साथ प्ले उसने जारी रखा | NSD से पास आउट होने के बाद उसने सोचा की ऐसा है की अब प्ले से इतने पैसे नहीं मिल रहे है इधर भूके  रहने से अच्छा है की चलो सपनो शहर मुंबई जाकर कुछ होता है क्या देखते है | तो वो चला सपनो के शहर की और अपना सपना पूरा करने |
        मुंबई में आकर उसने अपने NSD   के अपने एक सीनियर से मदद मांगी | साथ रहने के लिए सीनियर ने एक शर्त रखी  की उसे खाना बनाना  पड़ेगा तो हीरो मान गया |  आखिर सपने के आगे कोई भी काम छोटा नहीं लगता बस वो करते जाना पड़ता है | तो इस हीरो ने भी किसी  काम को कम नहीं समझा | शुरुवात में टीवी सेरिअल्स में काम पाने  के लिए कोशिश शुरू की  | रोज जाकर किसी सीरियल में काम मिलता है या नहीं ये ढूंढता रहता था | एक दो बार सेरिअल्स में छोटे मोठे काम तो मिल गए लेकिन उसमे उसको कोई नोटिस नहीं किया करता था | सेरिअल्स में अच्छे दिखने वाले को हीरो के रूप में लेना  पसंद किया जाता था  | लेकिन उसको realise हुआ की यहाँ अपना काम नहीं बनाने वाला | तो उसने अब सेरिअल्स के काम करने के बजाये फिल्मो में काम करने का सोचाः | और अगले दिन से जहा भी शूटिंग चालू  होती  वहा काम ढूंढने के लिए निकल पड़ता | शूटिंग के जगह पे अगर कोई पूछता तो वो बोलता की एक्टर हु काम ढढूंढने आया हु ,तो बोलते थे की एक्टर दीखते तो नहीं औरवहा से निकला जाता था | अगर कोई चीज को आप पूरी दिल से चाहते हो और वो नहीं मिलती  तो हम मायूस हो जाते है और सब कुछ छोड़ कर वापस जाने का मन करता है अपने हीरो का भी यही  हाल था | रोज की  ना ना सुनने से असको बहुत बुरा लगता था और गांव जाने का विचार भी मन में  आता था | लेकिन नहीं गया डटा रहा वही पे | फिर १९९६ में उसे आमिर खान की सरफरोश फिल्म में छोटा सा अपराधी का रोल करने का मौका मिला | ऐसे ही ४ साल तक उसे छोटे मोठे रोल मिलते चले गए और वो करता चला गया | आखिर उसे डायरेक्टर अनुराग कश्यप के ब्लैक फ्राइडे में एक बड़ा ब्रेक मिला | ये उसका  टर्निंग पॉइंट था|  इसके बाद आमिर खान के प्रोडक्शन में पीपली लाइव फिल्म में भी बड़ा रोल मिल गया | इसमें पत्रकार के रोल ने उसने सबका दिल जित लिया  और बतौर एक्टर उसे बड़ी पहचान मिल  गयी | उसके बाद डायरेक्टर उसे अपने हीरो को फिल्म में लेने के लिए उसके डेट के अनुसार जाने लगे | अब अपनी कहानी का हीरो असल दुनिया में बॉलीवुड का सुपरहेरो बन गया जिसे हम  सब जानते है , उनका नाम है नवाजुद्दीन सिद्दीकी |


Nawazuddin-Siddiqui


        नवाजुद्दीन सिद्दीकी इस नाम को शायद ही आज कोई नहीं  जानता होगा | आज वो सिर्फ  Bollywood Town के नहीं पूरी दुनिया में अपने एक्टिंग से वजह  जाने जाते है | अपनी पहचान बनाने के लिए आया हुआ एक साधारण आदमी एक सुपरहिट एक्टर बना गया और उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाकर दिखाई | इसलिए कहता हु हर किसीमे होता है एक secrete superstar बस वो अपने अंदर ही रह जाता है इसे समजकर बाहर लाने की जरुरत है |

ब्लॉग पूरा पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद् अगर  कुछ भी अच्छा लगा होगा तो प्लीज LIKE कर देना |





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