ऐसी हि बगीचे मे घूम रहा था. थक गया तो बैठाने के लिये जगह धुंड रहा था देखा तो १ डेस्क पे जगह खाली थी . मन मे खुशी हुई और जाकर वहा बैठं गया. उसी डेस्क पर १ और आदमी बैठा था . मेरा ध्यान उसपर गया. वो मन हि मन मुस्कुरा राहा था. मैने ऐसे हि पुछा आप यहा रोज आते हो. वो बोला, हा . मैने और १ सवाल पुछा कि आप बहुत खुश लग रहे हो या ये मुस्कान आपके चेहरे पे हमेशा रेहती है. तो वो हसके बोला ये मुस्कान तो हमेशा मेरे चेहरे पे रहती है. और हम दोनो चूप हो गये मै मन मे सोचने लगा यार इस्की life कितनी अची होगी. फिर उसने मेरेसे बात करनी start कि . वो बोला कि शायद तुम सोच रहे होगे कि ये बहुत खुश रहता होगा इसलिये ये हर वक्त मुस्कुरा रहता है. पर मेरे सिर्फ चेहरे पे मुस्कान है .
मैने कहा मुझे कूच समझा नही ... continued
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