KFC के सफलता की कहानी ( KFC success story )
अगर तुमको लगता है की दुःख तुम्हे ही मिलते है , अगर ऐसा लग रहा है की सारी दुनिया के दुःख दर्द को आपका ही पता दिया गया है। कोई भी काम करो तो उसमे असफता ही हासिल हो रही है। कोई न कोई दिक्कत परेशानी सामने आकर खड़ी हो रही है जिससे बना बनाया काम बिगड़ जाता है। इस सब को देखकर लगता है की छोड़ दे ये सब। इतनी मुश्किलें शायद ही किसी को मिली होगी और वापस जाने का मन करता है।अगर आपको लगता है बस आपको लगता है की आपके साथ ही बस ऐसा हो रहा है। तो रुकिए आप गलत है। आप अपनी जिन्दगी में कितनी बार असफल हो चुके होंगे। ५ बार १० बार या १०० बार। इसके बाद तो आपने वो काम करना ही छोड़ दिया होगा। लेकिन दुनिया में ऐसे भी लोग हो चुके है जिन्होंने हजार से ज्यादा असफलता के बाद सफलता प्राप्त कर ली है। आपको मै एक कहानी बताता हु जिसे पढ़कर आप सोचेंगे की हमारे जीवन में तो इसके आगे कुछ भी असफलता नहीं है जो की इसने आपने जीवन में देखि।
जब उसकी उम्र 5 की साल की थी तब उसके पिताजी का देहांत हो गया , बाद में 16 की उम्र में घर के हालातो की वजह से आपने स्कूल छोड़ना पड़ा। नाजुक हालत के चलते छोटी मोठी नोकरिया करनी पड़ी।17 की उम्र होने तक उसको करीब 4 नौकरियों से निकल दिया था। फिर सिर्फ १८ साल की उम्र हे ही शादी भी हो चुकी। शादी के बाद 4 साल तक याने 18 से 22 की उम्र तक एक कंडक्टर की नौकरी की।
बाद में आर्मी ज्वाइन कर ली लेकिन वहा से भी निकाल दिया गया। लॉ करने का सोचा और लॉ करने के लिए कॉलेज जाने का मन बना लिया। लॉ के लिए दाखिला लेने गए लेकिन वहा से भी रिजेक्ट कर लिया गया। लोगो का बिमा करने का काम शुरू किया लेकिन हर काम किआ तरह इसी में भी हो गए। १९ साल की उम्र में ही पिता बन गए। २० साल की उम्र में उनकी पत्नी उनको छोड़कर चली गयी। बाद में एक होटल बावर्ची का भी कर कर लिया। सिर्फ इसीमे में नहीं अपनी बेटी से मिल नहीं सकते थे इसलिए उसे किडनैप करके मिलने की कोशिश की। लेकिन किडनैप करने में भी असफल हो गए। ६५ की उम्र में वो रिटायर हो गए लेकिन रिटायरमेंट के बाद सरकार के तरफ से सिर्फ $१०५ का चेक मिला। अपने जीवन में कई बार खुदखुशी करने की कोशिश की लेकिन उसमे भी असफल रहे।
रिटायरमेंट के बाद ऐसे ही एक पेड़ के निचे बैठार जिंदगी के बारे में लिख रहे थे तभी उनको लगा की इतनी सारी असफलता आयी है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकि है। वो एक अच्छे बावर्ची थे। उन्हें खाना बनाना बहुत अच्छा लगता था .सिर्फ खाना बनाना ही अच्छा नहीं लगता था तो वो बहुत अच्छा खाना बना भी लेते थे। 40 की उम्र में एक सर्विस स्टेशन डाला था। उसमे ज्यादा पैसे नहीं रहे थे तो सर्विस स्टेशन के पीछे ही कुछ टेबल और खुर्सिया लगा कर यात्रियों और ड्रायवरों को फ्राइड चिकन बनाकर खिलते थे। वहा आने वाले सरे लोगो को उनका बनाया हुआ चिकन बहुत पसंद आने लगा। और आने लोगो की संख्या बढ़ गयी। इसलिए उन्होंने रास्ते की दूसरी तरफ ही होटल खोल दिया जहा करीब १४० लोग एक साथ खाना खा सके। उनकी हाथ की पेन चिकन फ्राई सबको पसंद आती थी। उन्होंने उसे और बेहतर बनाने के लिए उसपर बहुत सरे प्रयोग किये। उन्हें अपनी फ्राइड चिकेन पर बहुत भरोसा था। इसलिए उन्होंने ६५ की उम्र होने के बाद अपनी चिकन फ्राइड की फ्रेंचाइजी बनाकर बेचने का सोचा जिसका नाम रखा था ‘Kentucky Fried Chicken’ याने के KFC . फिर क्या था अपनी कार को लेकर निकल पड़े अमेरिका और कनाडा के दौरे पर। उन्होंने बहुत सारे रेस्टोरेंट में अपनी फ्रेंचाइजी के बारे में बताया। उन्होंने इसकेलिए लगभग 600 से ज्यादा प्रांतो का दौरा कर लिया। हजारो मालिकों के साथ उन्होंने अपने फ्रेंचाइजी के बारे में बात की लेकिन बात नहीं बनी . कई मालिकों ने उनकी आईडिया का मजाक उड़ाया। सारे दुकान मालिकोने उनके इस प्रस्तावना का अस्वीकार कर लिया। उनको करीब 1008 रेस्टेरो के मालिक ने अस्वीकार कर लिया। 1009 वे रेस्टेरो के मालिक ने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और उनकी फ्रेंचाइजी को sign कर लिया . इसके बाद उस रेस्टेरो की बिक्री बहुत बढ़ गयी . ये सब देखकर बाकि के रेस्टोरेंट वाले भी उनकी फ्रेंचाइजी लेने के लिए राजी हो गए . और उनकी KFC की फ्रेंचाइजी चल पड़ी। KFC के फ्रेंचाइजी की चैन बढाती चली गयी। ये पूरी दुनिया का पहला ऐसा रेस्टोरो चैन थी जो की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फ़ैल गयी ।
जिस उम्र में लोग काम करना बंद कर देते है रिटायर होते है उस उम्र में उन्होंने ये कर के दिखाया जो वो अपनी जीवन में कर लेना चाहते थे। अगर आप भी असफल हो रहे हो तो हौसला मत हारिये। इस कहानीसे से ये सिख मिलती है की कितनी भी परेशानिया आये चाहे कुछ भी हो जाये। कभी हार मत मानना। कोशिश करने वालो की कभी हर नहीं होती देर से ही सही लेकिन सफलता मिलती ही है।
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